तुम्हारा साथ ..
चित्र - गूगल साभार |
तुम्हारा साथ है तो ऐसा लगता है,
जैसे ठिठुरती रात में अलाव की तपिश ,,
जैसे आभूषणों के ढेर में स्वर्ण की कनिष्क ,,
तुम्हारा साथ है तो ऐसा लगता है,
जैसे ओस से भींगे दूब पर नंगे पाँव चलना,,
जैसे पतझड के बाद नए पतों का निकलना ,,
तुम्हारा साथ है तो ऐसा लगता है,
जैसे ठण्ड के दिनों में निकली मीठी सी धूप ,,
जैसे बगीचे के पौधों में खिला हुआ फूल का रूप ,,
तुम्हारा साथ है तो कुछ ऐसा लगता है,
जैसे सभी आजाद हैं और न रही कोई बंदगी ,,
जैसे तुम्हे पाने से खुशियों से भर गई जिंदगी ,,,